जिन्ना की अहमियत उनकी मौत के बाद भी इतनी ज़्यादा है की भारत की राजनीति इतनी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है ,इसका अंदाजा नही था.कभी भा.जा.पा। के हनुमान कहे जाने वाले जसवंत सिंह आज रावण की भूमिका मैं नज़र आ रहे है। इसे विडम्बना कहे या नियति जो भी हुआ उसपर किसी तरह टिपण्णी न करते हुए मै बस इतना कहना चाहती हूँ की जसवंत सिंह की वरिष्ट पदवी और कार्यकाल का ध्यान रखते हुए उन्हें ससम्मान वापस बुला लेना चाहिए । और जिन्ना के जिन् से भारत को मुक्त कर देना चाहिए.